रमणरेती आश्रम में भरा पानी – यमुना नदी का बढ़ता खतरा

Mathura Times | 2 सितम्बर 2025

यमुना नदी हमेशा से मथुरा की धड़कन रही है। कभी उसके जल से घाटों पर आरती होती है, कभी वही पानी किसानों की प्यास बुझाता है। लेकिन जब यही धारा अपनी सीमा लाँघ देती है, तो वही नदी चिंता और बेचैनी का कारण बन जाती है। आज स्थिति वैसी ही है। बीते दिनों से हो रही लगातार बारिश और ऊपर से छोड़े गये पानी ने यमुना का स्वरूप बदल दिया है।


यमुना का जलस्तर और असर

प्रशासन की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। घाटों पर पानी चढ़ आया है और अब उसका असर धार्मिक स्थलों तक दिखने लगा है। सबसे बड़ी चिंता का कारण बना है वृंदावन का प्रसिद्ध रमणरेती आश्रम, जहाँ पिछले 24 घंटों में पीछे के गेट से पानी अंदर घुस आया है।

  • आश्रम के आँगन और गलियारों में पानी भरने लगा है।
  • श्रद्धालु और सेवक सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में लगे हैं।
  • प्रशासन ने वहाँ पहुँचकर हालात का जायज़ा लिया है।

रमणरेती आश्रम में भरा पानी – यमुना नदी का बढ़ता खतरा

रमणरेती आश्रम में हालात

आश्रम, जो सामान्य दिनों में शांति और भक्ति का प्रतीक रहता है, आज पानी से घिरा हुआ है। भक्तों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी इतनी तेज़ी से पानी को आश्रम के भीतर आते नहीं देखा।

पीछे के गेट से लगातार पानी अंदर आ रहा है और धीरे–धीरे आँगन भरने लगा है। कुछ कमरों में भी पानी घुसने की आशंका जताई जा रही है। साधु–संत और स्थानीय सेवक लगातार प्रयास कर रहे हैं कि कोई बड़ी हानि न हो।


प्रशासन का अलर्ट

मथुरा जिला प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।

  • NDRF और बाढ़ नियंत्रण दलों को सतर्क कर दिया गया है।
  • निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गयी है।
  • रमणरेती आश्रम समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी गयी है।

आस्था और चिंता का संगम

यह वही भूमि है जहाँ हर साल लाखों भक्त आते हैं, और जहाँ आस्था हर मोड़ पर सांस लेती है। लेकिन आज भक्तों के चेहरे पर श्रद्धा के साथ चिंता भी दिख रही है। एक ओर वे मानते हैं कि यह सब यमुना मैया की इच्छा है, दूसरी ओर वे अपने घरों और आश्रमों की सुरक्षा को लेकर व्याकुल भी हैं।


Mathura Times की अपील

Mathura Times अपने पाठकों से अपील करता है कि यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को हल्के में न लें। निचले इलाकों में रहने वाले परिवार सुरक्षित स्थानों पर चले जायें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। रमणरेती आश्रम में भरा पानी सिर्फ एक ख़बर नहीं है, बल्कि इस बात की याद दिलाता है कि प्रकृति की शक्ति के आगे हमें सावधान रहना होगा।

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